5000 Notes Rule: बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ₹5000 के नए नोट लांच कर दिया है और यह खबर काफी तेजी से वायरल हो रही है इन संदेशों में यह प्रस्तुत किया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही ₹5000 मूल्य वर्ग का नया करेंसी नोट जारी करने वाला है कोई लोगों द्वारा इन खबरों को आगे शेयर की भी किया जा रहा है
और व्हाट्सएप ग्रुप में भी इस मैसेज को काफी तेजी से फैला रहा है और वर्तमान में भारत में 500 का नोट सबसे बड़ा प्रचलित नोट है क्योंकि 2000 के नोट को बंद कर दिया गया है और इस स्थिति में लोगों के मन में यह जानने को काफी उत्साह है कि वाक्य में ₹5000 के नए नोट आने वाले हैं या कोई झूठ खबर है
भारतीय मुद्रा का वर्तमान परिचय
भारत में वर्तमान में ₹1 ₹2 ₹5 ₹10 ₹20 ₹50 ₹100 200 और 500 के नोट पर चलन में देखने को मिल रहा है इससे पहले 1000 और ₹2000 के नोट भी प्रचलन में थे लेकिन अब यह बंद कर दिए गए हैं और नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय पुराने 500 और ₹1000 के नोट बंद किए गए थे और उसके बाद नए डिजाइन के ₹500 के नोट जारी किए गए थे
इसके साथ ही ₹2000 का नोट भी बंद कर दिया गया था जो कुछ समय बाद वापस बंद कर दिया और भारतीय रिजर्व बैंक का फोकस और छोटे मूल्य वर्ग के नोटों को बेहतर बनाने तथा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने पर है इसके साथ ही बड़े मूल्य वर्ग के नोट अक्षर काले धन और भ्रष्टाचार में दुरुपयोग होने की संभावना रहती है.
इसको लेकर आरबीआई क्या कहता है?
घर की रिजर्व बैंक की तरफ से इन अफवाहों का स्पष्ट खंडन किया है और साफ तौर पर कहा है कि वर्तमान में ₹5000 के नोट जारी करने को लेकर किसी भी प्रकार की योजना रबी की तरफ से नहीं है और आरबीआई के आधिकारिक बयान के आधार पर यह पूरी तरह से निराधारण हुआ है और लोगों को इस पर विश्वास नहीं करने को कहा गया है
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक की मौजूदा नीति डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की है ना कि बड़े मूल्य वर्ग के नोट जारी करने की पीआईबी फैक्ट चेक विभाग की तरफ से इन दागों को फर्जी बताया है जब भी आरबीआई कोई नहीं ई जारी करेगा तो इसके अधिकारी घोषणा होती है और प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी जाती है.
जानकारी के आधार पर यह पहली बार नहीं है जब मुद्रा को लेकर सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाई गई है बल्कि पहले भी ₹1000 के नोट जारी करने की फर्जी खबर वायरल हुई थी जो बाद में झूठी साबित हुई इसी प्रकार कोई बार यह दावा भी किया गया है कि एक से अधिक बैंक खाता रखने पर जुर्माना भी लग सकता है
जो भी गलत निकला और ₹75 और 125 रुपए के नए नोट आने की अफवाहें भी काफी तेजी से इंटरनेट पर फैली थी कोविद कल के दौरान कोई फर्जी मैसेज वायरल हुए थे जिनमें नई आर्थिक नीतियों के बारे में गलत जानकारी दिया गया था इन सभी मामलों में सरकारी विभागों को स्पष्टीकरण देना पड़ा और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील किया गया.
फर्जी खबरों के होने वाले नुकसान
सोशल मीडिया पर फैल रही ऐसी अफवाहों से कोई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं सबसे पहले तो लोगों में भ्रम की स्थिति बन जाती है और वह गलत जानकारी के आधार पर निर्णय ले लेते हैं कुछ लोग अपने वित्तीय व्यवहार में बदलाव कर सकते हैं या नगदी जमा करना शुरू कर सकते हैं इससे बाजार में अनावश्यक अटकलें भी लग सकती है
और फर्जी खबरें सरकारी नीतियों की विश्वसनीयता पर भी असर डालती है लोगों का आरबीआई और सरकारी संस्थानों पर से भरोसा उठ सकता है और वित्तीय बाजार में भी कभी-कभी इन आंखों का बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है जिससे ऐसी खबरों को फैलाने से आप अक्सर बचाना है.
सही जानकारी कहां से प्राप्त करें
किसी भी मुद्रा संबंधी जानकारी की पुष्टि हेतु हमेशा आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए आरबीआई के आधिकारिक वेबसाइट प्रेस कॉन्फ्रेंस ब्यूरो ऑफ सरकारी प्रवक्ताओं के बयान सबसे विश्व में इसके स्रोत है मीडिया हाउसवेज की आधिकारिक वेबसाइट भी सही जानकारी पर करती है
सोशल मीडिया पर मिली भी किसी भी जानकारी को तुरंत आगे फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए बल्कि पहले इसकी जांच करनी चाहिए और पीआईबी फैक्ट्री से प्लेटफार्म भी अफवाह का खंडन करने में सहायता करती है जब भी कोई नई करेंसी या आर्थिक नीति हमारे देश में लागू होती है तो सरकार इसकी व्यापक प्रचार करती है और सभी न्यूज़ चैनल इसे कवर करते हैं.
डिस्क्लेमर:- इस लेख में प्रस्तुत जानकारी सार्वजनिक इंटरनेट स्रोतों और सरकारी बयानों पर आधारित है मुद्रा संबंधी किसी भी जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक वेबसाइट अथवा प्रेस इनफॉरमेशन बुरे से संपर्क करें और सोशल मीडिया पर मिली आपको वहां पर भरोसा बिल्कुल ना करें और केवल आधिकारिक स्रोतों की जानकारी को ही सही माने यह ले केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है धन्यवाद